एमिल दुर्खीम - MCQ Quiz
एमिल दुर्खीम - MCQ Quiz
1. एमिल दुर्खीम को किस सिद्धांत के लिए जाना जाता है?
संघर्ष सिद्धांत
प्रतीक अंत:क्रिया
साम्यवादी दृष्टिकोण
नारीवाद
एमिल दुर्खीम को Functionalism का जनक माना जाता है जिसने समाज को एक जैविक ईकाई की तरह देखा।
2. एमिल दुर्खीम ने 'आत्महत्या' की धारणा किस प्रकार की?
प्रेम और युक्ति
जीवन और मृत्यु
एगोइस्टिक, अल्ट्रूइस्टिक, एनोमिक, फेटालिस्टिक
रैष्ट्रिक और अरैक्षिक
दुर्खीम ने आत्महत्या को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया: एगोइस्टिक, अल्ट्रूइस्टिक, एनोमिक और फेटालिस्टिक। यह समाज में संबंधों की स्थिति पर आधारित हैं।
3. दुर्खीम के अनुसार, 'सामाजिक तथ्य' क्या हैं?
बाह्य और बाध्यकारी
आंतरिक और इच्छाधारित
प्राकृतिक नियम
मनोवैज्ञानिक तत्व
दुर्खीम के अनुसार सामाजिक तथ्य वे हैं जो समाज में व्यक्ति से बाहर होते हैं और व्यक्ति पर बाध्यकारी प्रभाव डालते हैं।
4. दुर्खीम ने किस पुस्तक में आत्महत्या पर अध्ययन किया?
The Division of Labour
The Elementary Forms of Religious Life
Suicide
Rules of Sociological Method
'Suicide' (1897) दुर्खीम की प्रमुख कृति है जिसमें उन्होंने आत्महत्या के सामाजिक कारणों का विश्लेषण किया।
5. दुर्खीम के अनुसार 'धार्मिक जीवन के मौलिक रूप' किस समाज में पाए जाते हैं?
आदिम समाज
औद्योगिक समाज
नवीन समाज
राजनीतिक समाज
दुर्खीम ने 'The Elementary Forms of Religious Life' में आदिम समाज के धर्म का अध्ययन किया।
6. दुर्खीम ने समाज को किससे तुलना की?
जैविक अंगों से
यांत्रिक मशीन से
राजनीतिक संस्था से
संघर्ष इकाई से
दुर्खीम ने समाज को जैविक अंगों की तरह कार्य करते हुए देखा, जहाँ प्रत्येक भाग एक उद्देश्य की पूर्ति करता है।
7. दुर्खीम ने सामाजिक एकता के कितने प्रकार बताए?
एक
दो
तीन
चार
दुर्खीम ने यांत्रिक और जैविक एकता – दो प्रकार की सामाजिक एकता का वर्णन किया।
8. दुर्खीम के अनुसार यांत्रिक एकता किस समाज में होती है?
आदिम
औद्योगिक
शहरी
आधुनिक
यांत्रिक एकता आदिम समाजों में पाई जाती है जहाँ समानता पर आधारित संबंध होते हैं।
9. जैविक एकता किन समाजों में प्रचलित होती है?
आदिम
आधुनिक
जनजातीय
परंपरागत
दुर्खीम के अनुसार जैविक एकता आधुनिक समाजों में पाई जाती है जहाँ विभाजन और विशेषज्ञता अधिक होती है।
10. दुर्खीम की दृष्टि में धर्म का मुख्य कार्य क्या है?
ईश्वर की पूजा
अध्यात्मिक विकास
व्यक्तिगत मोक्ष
सामाजिक एकता
दुर्खीम के अनुसार धर्म का मूल कार्य समाज में सामूहिक चेतना और एकता को बनाना है।
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